Teacher Day Poem, ‘Bin Guru Koi Gyan Nahi’ We celebrate Teachers Day on 5th September. Teachers’ Day in India is celebrated, Every student celebrates this. so today I’m going to share some lines on the Teacher Day Poem please read and leave your comment.
हिंदी :- शिक्षक दिवस कविता, हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। शिक्षक दिवस भारत में मनाया जाता है, प्रत्येक छात्र इसे मनाता है। इसलिए आज मैं शिक्षक दिवस पर कुछ लाइन साझा करने जा रहा हूं ! कृपया आप इसे पढ़ें और अपना सुझाव छोड़ें।
बिन गुरु कोई ज्ञान नही..
जैसे बिन सुबह कोई शाम नही…!
बिन कड़वाहट मिठास नहीं..
बिन चाँदनी कोई चाँद नहीं…!
जग को किया तुमने उजाला ..
ज्ञान रूपी यह दीप जलाकर…!
भटके को राहों पे लाया…
ज्ञान रूपी यह तीर चलाकर…!
जीवन मे धन-धन मैं होऊं ..
मैं सागर में प्रीत पिरोऊँ …!
ऐसे गुरु को पाकर मैं.. काटों की सैया पे सोऊं …..!
था नसीबा मेरा रूठा…पर ऐसा तूने ज्ञान दिया…!
मन को मिली शीतल की ठंडक…
जैसे बिन सावन बरसात किया…!
भगवान से बढ़कर तेरा दर्जा…
जग पालक का पहचान कराया..!
है हमारा कौन रचयिता…
उस जगदीश का नाम बताया…!
ऐसे गुरु को बार-बार नमन…
जियो सदा तुम हज़ारो जनम…!
मुझपे करना इतना रहम…
गुरु तुम मिलो मुझे जन्मो जनम,.,!