तेरी धड़कनों से है रिश्ता मेरा,
हर सांस में तेरा ही नाम लेता हूँ मैं।
तुम्हें सोचकर ही मुस्कुरा उठता हूँ मैं,
तुम्हारे बिना भी तुम्हारे साथ जीता हूँ मैं।
तू जब से मिली है, ज़िन्दगी हसीन लगती है,
तेरी हर बात अब मेरी ज़रूरत सी लगती है।
तेरी आँखों में जो मोहब्बत का समंदर है,
उसमें डूब जाने को दिल हर पल बेक़रार है।
पलकों में बसी हो तुम,
सांसों में बसी हो तुम,
मोहब्बत की हर कहानी में,
बस मेरी खुशी हो तुम।
चाहता हूँ तुझे इस कदर,
जैसे रूह को जिस्म की ज़रूरत हो।
तेरे बिना अधूरी सी लगती है ये दुनिया,
तू साथ हो तो हर मौसम लगे फूलों की चादर।
तू पूछे तो जान भी दे दूँ,
क्योंकि तू ही तो है, जो इस दिल में बसी है।
तेरे इश्क़ में खुद को खो दिया,
अब तो तेरे बिना जीना भी छोड़ दिया।
मिल जाए अगर तेरा साथ उम्र भर को,
तो फिर क्या चाहिए इस फकीर को।