• 30 Oct, 2024

Kon Ho Tum Mere Awesome 4 Love Poem In Hindi

Kon Ho Tum Mere Awesome 4 Love Poem In Hindi

 

Love Poem ‘Kon ho tum mere’ is a Sound of heart. Which is written in some line. Love poem also an excellent and readable and enjoyable feeling of heart. Today I am going to share my feeling of love poem which is written by me. here you can read my all poem in Hindi and English versions.

 

 

I am happy you are here to read my poem and Shayari. love …! its a real part of our life and we do it once a time in our life. if we do… we also feel the world is wonderful and our life is also beautiful. So please be here and read my poem and leave your comment on how about my poem.

 

 


हिंदी :- प्रेम कविता यह दिल आवाज़ है। जो कुछ शब्दों में बया की गयी हैं | प्रेम कविता दिल की अच्छी और पठनीय और आनंददायक अनुभूति भी है। आज मैं अपनी प्रेम कविता की भावना को साझा करने जा रहा हूँ जो मेरे द्वारा लिखी गई है। यहाँ आप मेरी सभी कविताएँ हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में पढ़ सकते हैं। मुझे खुशी है कि आप मेरी कविता और शायरी पढ़ने के लिए यहां हैं।

 

 

प्रेम …! यह वास्तव में हमारे जीवन का हिस्सा है और हम अपने जीवन में एक बार जरुर करते हैं। अगर हम करते हैं … तो हम महसूस करते हैं कि दुनिया अद्भुत है और हमारा जीवन भी सुंदर है। प्रेम के बारे में हम पूरी किताब लिख दे तो भी इशकी परिभासा हम नहीं लिख शकते ! तो कृपया यहाँ रहें और मेरी कविता पढ़ें और अपनी टिप्पणी छोड़ें कि मेरी कविता कैसी है।

 

 

Kon ho tum mere..?
Kon ho tum mere..?
Kyo itna pyare lagte ho?
Kyo tum bin rato ko nind ni aati..?
jab se dekha hai har-pal khoya-khoya sa rahta hu.
Kyo har-pal tum meri khwabo me aati ho?

 

 


kya mai tumhe janta hu?
Name kya hai tumhara..?
Rahti kaha ho tum?
Tumhe kaise log pasand hai.?
Kyo tumko dekhkr mai tham sa jata hu?

 

 


kya rishta hai hamara?
kyo darta hai aaj kal ye dil.?
tumhe kho dene se..
Kyo rat ko chand me, tumhari soorat nazar aati hai.?

 

 


Kyo mai chhup-chhup kr khud se tumhari bate kiya karta hu?
Kyo tumko dekhe bina mujhe chain ni aata?
Kyo tujhe hasta dekhkr ek anjani si khusi dil ko chhune lagti hai..?
Kyo aaj kal dosto ke bich mera mann ni lagta..?

 

 


Kyo teri galiyo se aaj-kal gujarne lga hu..?
Kyo mai mann hi mann savarne laga hu?
Itne sare swal hai..
Kisi ek ka jwab dede?
Kya yahi pyar hai..?
To mere pyar ka hishab dede..

 

 

कौन हो तुम मेरे..?
कौन हो तुम मेरे..?
क्यों इतना प्यारे लगते हो?
क्यों तुम बिन रातों को नींद नहीं आती..?
जब से देखा है हर-पल खोया-खोया सा रहता हूँ.

 

 


क्यों हर-पल तुम मेरी ख्वाबों में आती हो?
क्या मैं तुम्हे जानता हूँ?
नाम क्या है तुम्हारा..?
रहती कहाँ हो तुम?
तुम्हे कैसे लोग पसंद हैं.?
क्यों तुमको देखकर मैं थम सा जाता हूँ?

 

 


क्या रिश्ता है हमारा?
क्यों डरता है आज कल ये दिल.. ?
तुम्हे खो देने से…
क्यों रात को चाँद में, मुझे तुम्हारी सूरत नज़र आती है.?
क्यों मैं छुप-छुप कर खुद से तुम्हारी बातें किया करता हूँ?

 

 


क्यों तुमको देखे बिना मुझे चैन नहीं आता?
क्यों तुझे हँसता देखकर एक अंजानी सी ख़ुशी दिल को छूने लगती है..?
क्यों आज कल दोस्तों के बीच मेरा मन नहीं लगता..?
क्यों तेरी गलियों से आज -कल गुजरने लगा हूँ..?

 

 


क्यों मैं मन ही मन सवरने लगा हूँ?
इतने सारे सवाल हैं..
किसी एक का जवाब दे दे?
क्या यही प्यार है..?
तो मेरे प्यार का हिसाब दे दे..