ये लकीरें ये नसीब ये किस्मत,
सब फ़रेब के आईने हैं,
हाथों में तेरा हाथ होने से ही,
मुकम्मल ज़िन्दगी के मायने हैं।
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम,
कितना ख्वाबों में तुझे और तलाशा जाए।
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
साँसों में खुशबू बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है आपके प्यार का जादू,
सोते-जागते बस तुम ही नजर आते हो।
शाम होते ही तेरे प्यार की पागल खुशबू,
नींद आँखों से सुकून दिल का चुरा लेती है।
खुद नहीं जानते कितनी प्यारे हो आप,
जान हो हमारी पर जान से प्यारे हो आप,
दूरियों के होने से कोई फर्क नही पड़ता,
कल भी हमारे थे और आज भी हमारे हो आप।